महात्मा गांधी और उनका चश्मा
नई दिल्ली: एक नीलामी एजेंसी ब्रिस्टल ने हाल ही में महात्मा गांधी के चश्में की नीलामी करवाई थी जिसमें उन्हें उस चश्में की अब तक की सबसे अधिक राशि 2.55 करोड़ रुपये मिली। जब एजेंसी से पूछा की उन्हें यह चश्मा कैसे मिला तो उन्होंने इसके पीछे जो बताया वह बड़ा ही दिलचस्प किस्सा हैl ब्रिस्टल के एग्जीक्यूटिव ने बताया कि यह चश्मा उन्हें एक बंद लिफाफे में मिला थाl
एजेंसी का मानना था कि उन्हें इसकी अधिकतम कीमत 14 लाख रुपये तक मिल सकती हैl एजेंसी ने जब चश्मे के मालिक की तलाश कर उससे बात की और पूछा की वह इस धन का क्या करेंगे तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें धन कि सख़्त जरुरत है और इस रक़म का कुछ हिस्सा अपनी बेटी को देंगेl
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एजेंसी ने बताया कि चश्में का मालिक इसे फेंकना चाहते थे और उन्हें धन कि बहुत जरूरत थीl उनको अंदाज़ा भी नहीं था कि उनको इस चश्में कि इतनी बड़ी कीमत मिलने वाली हैl जब नीलामी हुई तब एक अमेरिकी कलेक्टर ने इसे 2.55 करोड़ रुपए में खरीदा तब उन्होंने कहा इतनी बड़ी रक़म से तो उनकी ज़िंदगी ही बदल जाएगीl
महात्मा गाँधी के चश्में कि कहानी
ऐसा माना जाता है कि महात्मा गांधी को उनका यह चश्मा उनके चाचा ने 1930 में उपहार सवरूप दिया था तब वे दक्षिण अफ्रीका में थेl एजेंसी ने कहा कि हमें ख़ुशी इस ऐतिहासिक चश्में को नया ठिकाना दिलाने में हमारी भी एक मत्वपूर्ण भूका रही हैl
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